Special baithak with Ma. Balkrishnan ji
विवेकानंद केन्द्र कन्याकुमारी, पश्चिम बंग प्रान्त के लिए कल का दिन अत्यंत ही प्रेरणास्पद और साथ ही अविस्मरणीय रहा, जब स्वयं माननीय ए.बालकृष्णन् जी (All India Vice President of Vivekananda Kendra Kanyakumari) ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक कार्यकर्ता को स्वामी विवेकानंद जी की जीवनी पढ़नी चाहिए ताकि उनके आदर्शों को अपने जीवन में ढ़ाल सकें।
तत् पश्चात मानव निर्माण तथा राष्ट्र पुनरुत्थान पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि हम सभी में दो प्रकार की शक्तियाँ विद्यमान हैं।
1) दैवीय अथवा ईश्वरीय शक्तियाँ
2) आसुरी शक्तियाँ
जब हम स्वयं के भीतर की ईश्वरीय शक्तियों को उजागर करते हैं तब वह प्रक्रिया मानव निर्माण कहलाती है।
जब हम अपने जीवन में सेवा भाव लाएंगे तभी ईश्वरीय शक्तियाँ प्रस्फुटित होंगी। त्याग के बिना सेवा संभव नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि ये राष्ट्र ही हमारा ईश्वर है और छोटी छोटी सेवा निष्काम भाव से करते हुए हम भी राष्ट्र पुनरुत्थान में योगदान कर सकते हैं।
और अंत में सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि कार्यकर्ताओं में किसी भी क्षण आत्म विश्वास कम नहीं होना चाहिए।
जय भारत
उन्होंने कहा कि प्रत्येक कार्यकर्ता को स्वामी विवेकानंद जी की जीवनी पढ़नी चाहिए ताकि उनके आदर्शों को अपने जीवन में ढ़ाल सकें।
तत् पश्चात मानव निर्माण तथा राष्ट्र पुनरुत्थान पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि हम सभी में दो प्रकार की शक्तियाँ विद्यमान हैं।
1) दैवीय अथवा ईश्वरीय शक्तियाँ
2) आसुरी शक्तियाँ
जब हम स्वयं के भीतर की ईश्वरीय शक्तियों को उजागर करते हैं तब वह प्रक्रिया मानव निर्माण कहलाती है।
जब हम अपने जीवन में सेवा भाव लाएंगे तभी ईश्वरीय शक्तियाँ प्रस्फुटित होंगी। त्याग के बिना सेवा संभव नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि ये राष्ट्र ही हमारा ईश्वर है और छोटी छोटी सेवा निष्काम भाव से करते हुए हम भी राष्ट्र पुनरुत्थान में योगदान कर सकते हैं।
और अंत में सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि कार्यकर्ताओं में किसी भी क्षण आत्म विश्वास कम नहीं होना चाहिए।
जय भारत
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